India’s 15th President Drupadi murmu biography
भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
भारत के राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों के परिणाम की घोषणा के अनुसार द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी. वे देश के राष्ट्रपति जैसे सम्मानित और आदरणीय पद को सुशोभित करने वाली जनजातीय समाज से आने वाली प्रथम व्यक्ति होंगी. जनजातीय समाज से एक महिला का देश का प्रथम नागरिक बनना, यह बदलते भारत का नया चित्र एवं अंत्योदय का सजीव चित्रण तथा समस्त भारत के लिये गौरवपूर्ण क्षण है.
श्रीमती मुर्मू का जन्म उड़ीसा के मयूरभंज जिले में हुआ तथा वे जनजातीय समाज से संबंध रखती हैं. उन्होंने पंचायत पार्षद के चुनावों में विजय प्राप्त कर राजनैतिक जीवन आरम्भ किया था. सन् 2002 और 2009 में वो रायरंगपुर से चुनाव जीतीं और विधायक बनीं. सन् 2000 से 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन तथा मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री रहीं. 2015 में उन्होंने झारखंड के राज्यपाल पद की शपथ ली. वे झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रहीं. द्रौपदी मुर्मू जी झारखंड की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली राज्यपाल रहीं
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि “द्रौपदी मुर्मू जी का देश की राष्ट्रपति बनना गौरवान्वित करता है तथा एक बार पुनः भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की विशिष्टता एवं सार्थकता को सिद्ध करता है. द्रौपदी मुर्मू जी के नाम की घोषणा के साथ ही जिस प्रकार का उत्साह एवं समर्थन समाज के सभी वर्गों की ओर से दिखा, वह भारत में ही संभव है तथा यह भारत के समरस समाज का उदाहरण है. हमें आशा है कि देश के प्रथम नागरिक के रूप में उनका नेतृत्व पूरे देश का भविष्य उज्ज्वल करने वाला एवं उन्नतिकारक होगा. भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के इस पवित्र क्षण को देश के समस्त नागरिकों को उत्सव के रूप में मनाना चाहिए.”
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय [Draupadi Murmu Biography in Hindi]
पूरा नाम: द्रौपदी मुर्मू
पिताजी का नाम: बिरांची नारायण टुडू
पेशा: राजनीतिज्ञ
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
पति: श्याम चरण मुर्मू
जन्म तिथि: 20 जून 1958
आयु: 64 वर्ष
जन्म स्थान: मयूरभंज, उड़ीसा, भारत
वजन: 74 किलो
लंबाई: 5 फिट 4 इंच
जाति: अनुसूचित जनजाति
धर्म: हिंदू
बेटी: इतिश्री मुर्मू
संपत्ति: 10 लाख
भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी: 1997
द्रौपदी मुर्मू का प्रारंभिक जीवन
हाल ही में एनडीए के द्वारा द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तुत किया गया है। द्रौपदी मुर्मू का जन्म साल 1958 में एक आदिवासी परिवार में भारत देश के उड़ीसा राज्य के मयूरभंज इलाके में 20 जून को हुआ था।
इस प्रकार से यह एक आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला है और एनडीए के द्वारा इन्हें भारत के अगले राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तुत किया गया है और यही वजह है कि आजकल इंटरनेट पर द्रोपति मुर्मू की काफी चर्चा हो रही है।
द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा
जब इन्हें थोड़ी समझ प्राप्त हुई, तभी इनके माता-पिता के द्वारा इनका एडमिशन इनके इलाके के ही एक विद्यालय में करवा दिया गया, जहां पर इन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा किया। इसके पश्चात ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए यह भुवनेश्वर शहर चली गई। भुवनेश्वर शहर में जाने के पश्चात इन्होंने रामा देवी महिला कॉलेज में एडमिशन प्राप्त किया और रामा देवी महिला कॉलेज से ही इन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट की।
ग्रेजुएशन की एजुकेशन पूरी करने के पश्चात ओडिशा गवर्नमेंट में बिजली डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर इन्हें नौकरी प्राप्त हुई। इन्होंने यह नौकरी साल 1979 से लेकर के साल 1983 तक पूरी की। इसके बाद इन्होंने साल 1994 में रायरंगपुर में मौजूद अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में टीचर के तौर पर काम करना चालू किया और यह काम इन्होने 1997 तक किया।
द्रौपदी मुर्मू का परिवार
इनके पिताजी का नाम बिरांची नारायण टुडू है और द्रौपदी मुरमू संताल आदिवासी फैमिली से संबंध रखती हैं। झारखंड राज्य के बनने के पश्चात 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली द्रोपदी मुर्मू पहली महिला राज्यपाल है। इनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन
उड़ीसा गवर्नमेंट में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को साल 2000 से लेकर के साल 2004 तक ट्रांसपोर्ट और वाणिज्य डिपार्टमेंट संभालने का मौका मिला।
इन्होंने साल 2002 से लेकर के साल 2004 तक उड़ीसा गवर्नमेंट के राज्य मंत्री के तौर पर पशुपालन और मत्स्य पालन डिपार्टमेंट को भी संभाला।
साल 2002 से लेकर के साल 2009 तक यह भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेंबर भी रही।
भारतीय जनता पार्टी के एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद को इन्होंने साल 2006 से लेकर के साल 2009 तक संभाला।
एसटी मोर्चा के साथ ही साथ भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेंबर के पद पर यह साल 2013 से लेकर के साल 2015 तक रही
झारखंड के राज्यपाल के पद को उन्होंने साल 2015 में प्राप्त किया और यह इस पद पर साल 2021 तक विराजमान रही।
1997 में चुनी गई थी जिला पार्षद साल 1997 का वह समय था, जब ओडिशा के रायरंगपुर जिले से पहली बार इन्हें जिला पार्षद चुना गया, साथ ही यह रायरंगपुर की उपाध्यक्ष भी बनी। इसके अलावा इन्हें साल 2002 से लेकर के साल 2009 तक मयूरभंज जिला भाजपा का अध्यक्ष बनने का मौका भी मिला। साल 2004 में यह रायरंगपुर विधानसभा से विधायक बनने में भी कामयाब हुई और आगे बढ़ते बढ़ते साल 2015 में इन्हें झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य के राज्यपाल के पद को संभालने का भी मौका मिला।
द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होना अभी तक काफी लोग द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं जानते थे परंतु हाल ही में चार-पांच दिनों से यह काफी चर्चा में हैं। लोग इंटरनेट पर यह सर्च कर रहे हैं कि द्रोपदी मुर्मू कौन है तो बता दे कि द्रौपदी मुरमू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है। इसके अलावा यह एक आदिवासी महिला है। इन्हें एनडीए के द्वारा हाल ही में भारत के अगले राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया गया है।
इस प्रकार अगर द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने में कामयाब हो जाती है, तो यह पहली ऐसी आदिवासी महिला होगी, जो भारत देश की राष्ट्रपति बनेगी, साथ ही यह दूसरी ऐसी महिला होंगी, जो भारत देश के राष्ट्रपति के पद को संभालेंगी। इसके पहले भारत देश के राष्ट्रपति के पद पर महिला के तौर पर प्रतिभा पाटिल विराजमान हो चुकी है।
पति और दो बेटों का छूट चुका है साथ
श्याम चरण मुर्मू के साथ द्रौपदी मुर्मू की शादी हुई थी, जिनसे इन्हे संतान के तौर पर कुल 3 बच्चे प्राप्त हुए थे, जिनमें दो बेटे थे और एक बेटी थी। हालांकि इनका व्यक्तिगत जीवन ज्यादा सुखमय नहीं था, क्योंकि इनके पति और इनके दोनों बेटे अब इस दुनिया में नहीं है। इनकी बेटी ही अब जिंदा है जिसका नाम इतिश्री है, जिसकी शादी द्रौपदी मुर्मू ने गणेश हेम्ब्रम के साथ की है।
द्रौपदी मुर्मू को प्राप्त पुरस्कार
द्रौपदी मुर्मू को नीलकंठ पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए साल 2007 में प्राप्त हुआ था। यह पुरस्कार इन्हें ओडिशा विधानसभा के द्वारा किया गया था